झारखंड विधानसभा का बजट सत्र आगामी 24 फरवरी से शुरू होने जा रहा है. जहां बजट सत्र को लेकर तमाम तैयारियां तेजी से जारी हैं, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने अब तक नेता-प्रतिपक्ष नहीं चुना है. बीजेपी की इस लापरवाही से लगता है कि इस बार नेता-प्रतिपक्ष के बिना ही बजट पेश होगा. इसको लेकर अब सत्तापक्ष ने बीजेपी पर जोरदार हमला किया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने तंज करते हुए कहा कि झारखंड में भारतीय जनता पार्टी का डाउनफॉल शुरू हो गया है, इसीलिए वह आज तक अपना नेता प्रतिपक्ष नहीं चुन पा रहे हैं. भट्टाचार्य ने कहा कि जो पार्टी 90 दिन से ज्यादा तक में भी अपना नेता नहीं चुन पाई है, वह क्या प्रश्न पूछेगी?
उन्होंने कहा कि आज विधानसभा की डायरी आई है, लेकिन उसमें नेता प्रतिपक्ष का नाम नहीं है. यह देखकर अफसोस होता है. लोकतंत्र के लिए यह शर्मसार करने वाली बात है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी से नेता प्रतिपक्ष नहीं चुना जा रहा है, तो हम ही उन्हें तीन नाम सुझा देते हैं. वे चंपई सोरेन, बाबूलाल मरांडी या फिर सीपी सिंह को यह अपना नेता चुन सकते हैं. कांग्रेस ने भी इस मामले पर बीजेपी पर तंज कसा है. कांग्रेस प्रवक्ता कमल ठाकुर ने कहा कि थ्री स्टेप जंप करती है बीजेपी. बीजेपी लोगों को यहां तक बरगला कर आई है. बीजेपी का सत्ता में आने का सपना साकार नहीं हो सकता है. क्योंकि बगल के बच्चे से गोद भराई नहीं हो सकती. उनके कुनबे में सारे बाहरी लोग भरे हुए हैं, इसलिए इनमें आपसी समझौता नजर नहीं आ रहा है.
वहीं बीजेपी की ओर से भी इस मामले पर प्रतिक्रिया सामने आई है. बीजेपी प्रवक्ता रमाकांत महतो ने कहा कि बीजेपी एक लोकतंत्र पार्टी है और बजट सत्र से पहले उम्मीद है कि हम लोग नेता-प्रतिपक्ष का नियुक्त कर देंगे. रमाकांच महतो ने कहा कि विधायक दल का नेता कौन होगा, इस पर हमारा संगठन और पार्टी विधायक मिलकर विचार कर लेंगे. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी.