बिहार के जमुई जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां अस्पताल में डॉक्टर ने गर्भवती महिला की डिलीवरी और जांच करने से पहले परिजनों से पैसों की डिमांड की और रुपये को लेकर मोल भाव किया. दरअसल यह मामला जमुई के सदर अस्पताल का है, जहां अगर आपको डिलीवरी कराना है, तो पहले नजराना देना होगा. साथ ही सफाई करने, पुर्जा काटने और सुई देने के लिए भी पैसा देना होगा. अन्यथा गर्भवती की न जांच होगी और न ही डिलीवरी कराई जाएगी. इस बात का खुलासा मंगलवार की सुबह उस वक्त हुआ जब महिला की सुरक्षित डिलीवरी कराने के बाद उसे लखीसराय जिले के चानन थाना क्षेत्र अंतर्गत रेउटा गोपालपुर निवासी भूषण कुमार की पत्नी प्रिया कुमारी को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. महिला की सुरक्षिक डिलीवरी और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद महिला के परिजनों ने यह आरोप प्रसव कक्ष में तैनात जीएनएम पर लगाया है. परिजनों ने बताया कि महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद प्रिया कुमारी को सोमवार की देर रात करीब 8:30 बजे सदर अस्पताल लाया गया, लेकिन काफी देर तक ड्यूटी पर मौजूद जीएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उसे नहीं देखा गया.
जब मौजूद जीएनएम को देखने के लिए बोला गया तो उसने 1500 रुपये देने की डिमांड कर दी और जब तक पैसा नहीं दिया जाएगा तब गर्भवती को नहीं देखने की बात कही गई. उसके बाद 1100 रुपये पर बात तय हुई, तब गर्भवती की जांच कर सुरक्षित प्रसव कराया गया. इतना ही नहीं सुई देने के एवज में 50 रुपये और पुर्जा काटने के लिए 100 रुपया लिया गया है. साथ ही सफाई कर्मी के द्वारा सफाई करने के एवज में 600 रुपये ली गई है.
वहीं, पुतेरिया सिहोचक गांव निवासी सुरेंद्र साव की पत्नी पूनम कुमारी से भी प्रसव कराने के एवज में 500 रुपये का जीएनएम द्वारा डिमांड किया गया, लेकिन 200 रुपये देने के बाद जीएनएम ने पैसा नहीं लिया. महिला के परिजनों ने जीएनएम पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. हालांकि, जीएनएम का क्या नाम था यह परिजन बताने में असमर्थ थे. सोमवार की रात 8:00 बजे से मंगलवार की सुबह 8:00 बजे तक जिस जीएनएम की ड्यूटी थी, उसी के द्वारा यह खेल खेला गया है. वहीं, पूरे मामले को लेकर जमुई सदर अस्पताल के डीएस डॉ सैयद नौशाद अहमद ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.