बिहार में अपराध पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सख्त निर्देश के बाद पुलिस पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है. राज्यभर में अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है. इस साल अब तक 227 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें 29 इनामी बदमाश भी शामिल हैं. पुलिस की लगातार कार्रवाई से अपराधियों में हड़कंप मचा हुआ है.
तीन महीनों में चार बड़े एनकाउंटर
बीते तीन महीनों में बिहार के पटना, अररिया, मुंगेर, गया और भोजपुर जैसे जिलों में चार बड़े एनकाउंटर हुए हैं. पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की तैनाती की है. इन ऑपरेशनों में कई अपराधी मारे गए और कई को गिरफ्तार किया गया. सरकार ने साफ कर दिया है कि अब अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा.
नक्सलवाद पर भी करारा प्रहार
बिहार में नक्सली गतिविधियां अब केवल खड़गपुर और छक्कबरबंधा के कुछ पहाड़ी इलाकों तक सीमित रह गई हैं. राज्य पुलिस और झारखंड पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन से इन इलाकों में भी उग्रवाद खत्म करने की योजना बनाई जा रही है. इसके तहत 8 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
अवैध हथियार तस्करी पर नकेल
राज्य सरकार ने अवैध हथियारों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए नई नीति तैयार की है. हाल ही में कई हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और अवैध रूप से बेचे जा रहे गोलियों और विस्फोटकों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ है. पुलिस अब अपराधियों के फंडिंग नेटवर्क की भी जांच कर रही है.
टॉप-10 अपराधियों पर कड़ी निगरानी
बिहार पुलिस ने टॉप-10 और टॉप-20 अपराधियों की सूची तैयार कर उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है. जेल में रहकर अपराध की साजिश रचने वालों की कॉल डिटेल और बैंक ट्रांजेक्शन की भी जांच की जा रही है. इसके अलावा, अपराधियों को संरक्षण देने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
डिजिटल निगरानी से अपराध नियंत्रण
अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस अब आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है. डिजिटल अपराध डाटाबेस, रियल-टाइम इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और सीसीटीवी निगरानी के जरिए अपराधियों की लोकेशन ट्रैक कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.
डिजिटल निगरानी से अपराध नियंत्रण
अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस अब आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है. डिजिटल अपराध डाटाबेस, रियल-टाइम इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और सीसीटीवी निगरानी के जरिए अपराधियों की लोकेशन ट्रैक कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.