रांची: राजधानी रांची के मुस्लिम बहुल शहरी और ग्रामीण इलाकों में सोमवार रात 9:00 बजे अचानक अंधेरा छा गया. यह कोई तकनीकी खामी नहीं, बल्कि वक्फ कानून के खिलाफ एक सुनियोजित और प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन था. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर लोगों ने 15 मिनट तक अपने घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों की बिजली बंद रखी.
यह प्रदर्शन वक्फ संशोधन एक्ट 2025 के विरोध में किया गया, जिसे मुस्लिम समुदाय अपनी धार्मिक संपत्तियों और अधिकारों के खिलाफ मानता है. प्रदर्शन का असर खासतौर पर हिंदपीढ़ी, डोरंडा, पुरानी रांची और आसपास के मुस्लिम बहुल इलाकों में देखने को मिला. रात 9:00 बजे जैसे ही घड़ी की सुई ने समय बताया, सैकड़ों घरों और दुकानों की लाइट बंद हो गई. 9:16 बजे बिजली दोबारा चालू की गई.
इससे पहले, हिंदपीढ़ी महापंचायत की ओर से 28 अप्रैल को मिल्ली सामुदायिक हॉल में एक सभा आयोजित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता मौलाना असगर मिसबाही ने की. उस बैठक में तय किया गया था कि 30 अप्रैल को रात 9 से 9:30 बजे तक विरोधस्वरूप बिजली बंद रखी जाएगी. मौलाना ने समुदाय से अपील की थी कि वे इस कानून के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ बुलंद करें. प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और इसके जरिए लोगों ने यह संदेश दिया कि वे वक्फ कानून में किए गए बदलावों को अस्वीकार करते हैं और उसे रद्द कराने के लिए हरसंभव कदम उठाने को तैयार हैं.