झारखंड की राजधानी रांची समेत राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी है. शनिवार को एक बार फिर रांची में तेज बारिश ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. लोग रेनकोट पहनकर सब्जी खरीदते और जरूरी घरेलू कामों के लिए बाहर निकलते दिखे, लेकिन सड़कों पर जलजमाव और फिसलन ने उनकी परेशानी बढ़ा दी. कई इलाकों में तो लोग गलती से नाले को सड़क समझ बैठें और गिर पड़े, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई.
बारिश के पीछे ये हैं तीन बड़े कारण
मानसून ट्रफ का झारखंड से गुजरना
मानसून ट्रफ लाइन इस समय डाल्टनगंज से होकर गुजर रही है, जिसके कारण पलामू और आसपास के जिलों में अच्छी बारिश हो रही है.
अरब सागर से दक्षिण-पश्चिमी हवा का प्रभाव
अरब सागर में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं झारखंड के मध्य भाग (रांची, खूंटी, लोहरदगा, हजारीबाग) में भारी बारिश का कारण बन रही हैं.
बंगाल की खाड़ी का असर
बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सिस्टम का असर राज्य के दक्षिणी जिलों (जमशेदपुर, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा) में देखने को मिल रहा है.
10 जुलाई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान
रांची मौसम केंद्र के अनुसार, झारखंड में 10 जुलाई तक बारिश का यह सिलसिला जारी रह सकता है. अगले 48 घंटों में कई जिलों में लगातार मूसलाधार बारिश की संभावना है. इस दौरान वज्रपात और 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जिससे जनसुरक्षा को खतरा हो सकता है. खासकर कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है.
लातेहार में सबसे ज्यादा बारिश
पिछले 24 घंटों के दौरान लातेहार में सबसे अधिक 90 मिमी वर्षा दर्ज की गई. वहीं, गोड्डा और साहिबगंज में सबसे कम वर्षा हुई, केवल 2 मिमी से भी कम. तापमान की बात करें तो, सरायकेला में सबसे अधिक 33.6°C दर्ज किया गया, जबकि गुमला में न्यूनतम तापमान 21.6°C रहा. बताते चलें कि झारखंड में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है, जिससे आने वाले दिनों में बारिश और तेज हवाएं जनजीवन को प्रभावित कर सकती हैं. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, खासकर निचले और जलजमाव वाले क्षेत्रों में.