अब 'अटल' नहीं, 'मदर टेरेसा' के नाम से जाने जाएंगे झारखंड के मोहल्ला क्लिनिक, भाजपा बोली- यह राष्ट्रनायकों का अपमान

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झारखंड सरकार ने राज्यभर में चल रहे ‘अटल मोहल्ला क्लिनिक’ का नाम बदलकर अब ‘मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लिनिक’ कर दिया है. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया. फिलहाल झारखंड में लगभग 140 मोहल्ला क्लिनिक सक्रिय हैं, जिनका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण इलाकों में गरीबों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है. सरकार का मानना है कि मदर टेरेसा का नाम सेवा और करुणा का प्रतीक है, और यह नाम आम लोगों में बेहतर भरोसा पैदा करेगा.

सरकार के इस फैसले का भाजपा ने कड़ा विरोध किया है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने इसे राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित कदम बताया और कहा कि यह झारखंड के निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी और भारत रत्न का अपमान है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार बार-बार राष्ट्रनायकों के नामों को बदलने की कोशिश कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. अजय साह ने सुझाव दिया कि अगर सरकार नई योजना शुरू करना चाहती है तो नया नाम दे, लेकिन पहले से स्थापित योजना को छेड़ना गलत है.

कैबिनेट ने ‘झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025’ के मसौदे को मंजूरी दे दी है. इसके तहत राज्य के सभी विश्वविद्यालय अब एक समान नियमों के तहत चलेंगे. एक ‘स्टेट यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन’ का गठन किया जाएगा, जो शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति जैसे कार्य देखेगा. मेडिकल और एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय इस दायरे से बाहर होंगे और कुलपतियों की आयुसीमा 70 साल निर्धारित की गई है.

राज्य सरकार ने झारखंड राज्य पुलिस, कक्षपाल, गृह रक्षा वाहिनी और उत्पाद सिपाही संयुक्त भर्ती नियमावली 2025 को मंजूरी देते हुए पहले के सभी भर्ती विज्ञापनों को रद्द कर दिया है. नई नियमावली में सभी श्रेणी के अभ्यर्थियों को उम्र में 5 साल की छूट दी गई है. वहीं, पूर्व के आवेदकों को आवेदन शुल्क में भी राहत मिलेगी.

कैबिनेट ने नक्सली हमलों या देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए झारखंड के केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवानों के परिजनों को विशेष अनुग्रह अनुदान और अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया है.

लंबे समय से ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहीं दो चिकित्सकों डॉ. कुमारी रेखा (मुसाबनी) और डॉ. रीना कुमारी (बोकारो) को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

राज्य सरकार ने 3712 पूर्ववर्ती उर्दू सहायक शिक्षक पदों को रद्द करते हुए अब नए सिरे से 4339 पदों को मंजूरी दी है. इसमें इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य के 3287 पद प्राथमिक विद्यालयों के लिए और 1052 पद स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य के रूप में मध्य विद्यालयों में सृजित किए गए हैं.

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