आजसू पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर और हसन अंसारी ने रांची स्थित पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सुदेश महतो को बार-बार निशाना बनाने की साजिश रची गई, लेकिन सरकार अब तक इसके पीछे के षड्यंत्रकारियों का पता नहीं लगा पाई है.
प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि दो दिन पहले गुमला जिले के कामडारा में PLFI (पीएलएफआई) कमांडर मार्टिन केरकेट्टा को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया. खुलासा हुआ कि उसका इरादा आजसू प्रमुख सुदेश महतो की हत्या करने का था. प्रेस कांफ्रेंस में बड़ा दावा करते हुए कहा, 'अगर मार्टिन केरकेट्टा मारा नहीं गया होता, तो वह सुदेश महतो की हत्या कर देता.' उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब आजसू प्रमुख को निशाना बनाने की साजिश रची गई हो. इससे पहले भी 2014 में सिल्ली और जोनहा में भी हमले की साजिश रची गई थी.
प्रेस वार्ता में बताया गया कि 2005 में सिल्ली में एक पुल उड़ाने की साजिश भी रची गई थी ताकि सुदेश महतो को नुकसान पहुंचाया जा सके. बार-बार हो रही इन घटनाओं से साफ है कि कोई न कोई बड़ा समूह या तत्व सुदेश महतो को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहता है.
आजसू नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आजसू के शीर्ष नेतृत्व की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि जब सुदेश महतो झारखंड के गृह मंत्री थे, तब से ही उन पर हमले की साजिशें रची जा रही हैं. सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और तत्काल जांच करानी चाहिए.
प्रवीण प्रभाकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि आजसू पार्टी एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी के गठन की मांग करती है, ताकि यह पता चल सके कि इन साजिशों के पीछे आखिर कौन है. उन्होंने बताया कि आजसू का एक प्रतिनिधिमंडल डीजीपी से मुलाकात कर जांच की मांग करेगा.