झारखंड इन दिनों प्रचंड सर्दी की आगोश में है. बर्फीली हवाओं के प्रभाव से राज्य का अधिकांश हिस्सा इस वक्त शीतलहर की चपेट में है. राजधानी रांची समेत तकरीबन तमाम जिलों के तापमान 5 से 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. रांची, खूंटी, हजारीबाग, रामगढ़, पलामू, गुमला, चतरा में सुबह-शाम के वक्त भयंकर कोहरा देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, इन जिलों में न्यूनतम तापमान 5-6 डिग्री के बीच ही रहने की संभावना जताई है. अन्य जिलों के मुकाबले यहां शीतलहर का प्रभाव काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है, इसलिए मौसम विभाग ने इन जिलों के लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है.
प्रदेश में रांची सबसे ठंडा जिला
राज्य में पिछले 24 घंटों में गुमला में न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य का सबसे कम न्यूनतम तापमान रहा. राजधानी रांची का न्यूनतम तापमान गिरकर 8.3 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है. वहीं रांची के कांके क्षेत्र में पारा 3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. इसी तरह से पलामू, गढ़वा, चतरा, गुमला, हजारीबाग और रांची सहित कई जिलों में न्यूनतम तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया. तापमान में भारी गिरावट से इन जिलों में कड़ाके की ठंड महसूस की गई है, जिससे जन-जीवन काफी प्रभावित हुआ है.
इन जिलों के लिए राहत की खबर
वहीं मौसम विभाग के मुताबिक, देवघर, साहिबगंज,गोड्डा, पूर्वी और पश्चिमी सिंगभूम, सरायकेला खरसावां, दुमका व पाकुड़ जैसे जिलों ठंड से थोड़ी राहत मिलेगी. यहां पर न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. पहले जहां यहां पर तापमान 7 से 8 डिग्री था. अब यहां पर 11 डिग्री तक देखी जा रही है. आने वाले एक-दो दिनों में यहां भी शीतलहर का असर देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के कारण अच्छी खासी कड़कड़ाती ठंड और शीतलहर देखने को मिलेगी.
किसान-मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित
रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि पूरे राज्य में उत्तर-पश्चिमी हवाओं का प्रभाव बढ़ गया है, जिससे उत्तर और उत्तर-पश्चिमी जिलों में ठिठुरन और तेज हो गई है. राजधानी रांची समेत आसपास के जिलों में भी कनकनी बढ़ने लगी है. ठंड में उतार चढ़ाव का दौर अगले एक सप्ताह तक चलता रहेगा. तापमान में आई इस गिरावट के कारण सुबह और रात में कड़ाके की ठंड महसूस हो रही है. मौसम विभाग की ओर से लोगों को गरम कपड़े पहनने और सुबह-शाम के वक्त ज्यादा बाहर नहीं घूमने की सलाह दी गई है. इस मौसम में सबसे ज्यादा दिक्कत दिहाड़ी मजदूरों और किसानों को हो रही है. उन्हें रोजी-रोटी के लिए काम पर जाना ही पड़ रहा है.
