रांची स्थित रिम्स परिसर में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान उस वक्त हंगामा हो गया, जब आदिवासी नेत्री निशा भगत बुलडोजर के सामने बैठ गईं. उन्होंने अभियान का विरोध करते हुए जोरदार नारेबाजी की. साथ ही, निशा भगत ने आरोप लगाया कि इस कार्रवाई के जरिए आदिवासियों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और उनके घरों को उजाड़ा जा रहा है. उनका कहना था कि प्रशासन गरीब और आदिवासी परिवारों पर अन्याय कर रहा है.
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग
मौके पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आदिवासी नेत्री निशा भगत को हिरासत में लेकर थाना ले जाया गया. बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद रिम्स परिसर में पिछले एक सप्ताह से अतिक्रमण हटाने का अभियान लगातार जारी है, जिसके तहत अब तक कई अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जा चुका है.
HC के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई
बता दें कि झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद रिम्स की जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार लगभग सात दिनों से जारी है. इस अभियान के तहत कई जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं, जो अवैध रूप से बने मकानों को तोड़ने का काम कर रही हैं. यह कार्रवाई डीआईजी ग्राउंड और उसके आसपास के इलाकों में की जा रही है, जहां जेसीबी लगातार अतिक्रमण हटाने में जुटी हुई हैं.
घर टूटने से मायूस दिखे लोग
वही, बुलडोजर एक्शन में जिन लोगों के घर टूट रहे हैं, वे मायूस नजर आ रहे हैं, लेकिन झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन इस कार्रवाई को पूरी सख्ती के साथ अंजाम दे रहा है. इस पूरे अभियान के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था या कानून-व्यवस्था की समस्या न हो, इसके लिए रांची जिला प्रशासन की टीम, पुलिस बल और नगर निगम की टीम मौके पर मौजूद है. प्रशासन की मौजूदगी में इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है.
