रांची : ठंड के बढ़ते ही रूम हीटर और ब्लोअर का ख्याल आ जाता है, ठंड से बचाने वाली रूम हीटर और ब्लोअर कभी-कभी घातक हो जाती है, इसका इस्तेमाल करते समय दिमाग की बत्ती जलाना बेहद जरूरी है। राजधानी रांची के जानमाने डॉक्टर उमा शंकर वर्मा का कहना है कि जरा सी चूक जान जाने का खतरा बना रहा है। रूम हीटर और गाड़ी के ब्लोअर से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, अलर्ट नहीं रहने पर कभी-कभी दम घुटने का खतरा बना रहता है। डॉ वर्मा का कहना है कि घर में रूम हीटर का इस्तेमाल करते समय रूम की खिड़की या वेंटिलेशन हल्की खुली रखना जरूरी है। वहीं, ब्लोअर का इस्तेमाल करते समय गाड़ी को पूरी तरह से पैक करना घातक है, गाड़ी के शीशे को हल्का खुला रखना जरूरी है। जब तापमान ठीक-ठाक हो जाये तो हीटर या ब्लोअर बंद कर देना चाहिये।
”धीमा जहर” बन सकता है Heater
डॉ. वर्मा ने बताया कि कभी भी रूम हीटर को रात भर चालू कर रूम में नहीं सोना चाहिये। वहीं कार में भी हीटर चला कर बच्चों को नहीं छोड़ना चाहिये। इससे निकलने वाला कार्बन मोनोऑक्साइड गैस में कोई गंध नहीं होता, जो एक धीमा जहर के तौर पर काम करती है। हीटर या ब्लोअर चलाने के दौरान यदि चक्कर आये या माथा दर्द होने लगे, उल्टी महसूस होने लगे या फिर बेचैनी लगने लगे तो जान लें कि कमरे या गाड़ी के अंदर की हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है, ऐसे में तुरंत हीटर या ब्लोअर को बंद कर खिड़की और दरवाजे खोल देना चाहिये।