झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर मैया सम्मान की राशि को लेकर सवाल उठाए हैं. बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सक्षम महिलाओं को 2500 रुपए और विधवाओं को केवल 1000 रुपए! हेमंत सरकार किस तर्क से यह अन्यायपूर्ण अंतर पैदा कर रही है? सरकार को सबसे कमजोर वर्ग असहाय विधवा महिलाओं के अधिकारों पर कुठाराघात करने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए.
अब बाबूलाल मरांडी के इस पोस्ट ने राज्य का राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि मैं भी लड़ाई लड़ रहा हूं और सदन में भी लडूंगा एक विधवा महिला का क्या गुनाह है? विधवाओं को भी ढाई हजार देने की मांग करता हूं, जिनकी उम्र 50 साल से नीचे है उन्हें भी ढाई हजार रुपए मिले.
बाबूलाल मरांडी के पोस्ट पर जेएमएम का पलटवार
वहीं, बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के पोस्ट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार किया है. जेएमएम महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि लगता है बाबूलाल की गंभीरता कम हो रही है. जिस तरीके के बाबूलाल बयान दे रहे हैं, लगता है वो अपना संतुलन खो बैठे हैं या फिर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ बाबूलाल रहे हैं.
जेएमएम नेता ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. योजनाओं की राशि सरकार का विषय और सरकार हर मामले पर गंभीर चुनाव से पहले राज्य की चिंता का दिखावा करने वाला व्यक्ति आज असम में स्थापित है.
कांग्रेस का बयान जानिए
कांग्रेस ने भी भारतीय जनता पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी जब से बीजेपी के अध्यक्ष बने हैं तब से बहकी बहकी बातें कर रहे हैं. इन्हीं बहकी बातों की वजह से उन्होंने बीजेपी की लुटिया डुबो दी है. चुनाव से पहले खुद गोगो दीदी के नाम पर 2100 का वादा किया था, लेकिन जनता ने मौका नहीं दिया. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि ऐसी तुलना कर के बाबूलाल लोगों में भेदभाव उत्पन करना चाहते हैं. देश का पहला राज्य है जो महिलाओं को ढाई हजार रुपये दे रहा है.