उत्तराखंड में कुदरत का कहर, चमोली में 57 मजदूर बर्फ में दबे, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जताई चिंता

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रांची: उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया. इस आपदा में सीमा सड़क संगठन (BRO) के ठेकेदार के तहत काम कर रहे 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए. राहत की बात यह है कि 16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन अब भी 47 मजदूरों की तलाश जारी है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जताई चिंता
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस हादसे पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, "उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से कई श्रमिकों के फंसने की खबर मिली है. BRO, ITBP और अन्य एजेंसियां राहत कार्य में लगी हुई हैं. मैं सभी श्रमिकों की सुरक्षा की कामना करता हूं."

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और BRO की टीम मौके पर पहुंच गई. भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और गढ़वाल स्काउट्स की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. अधिकारी IRS (इंडियन रेवेन्यू सर्विस) से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन को तेजी से पूरा किया जा सके. फिलहाल अब तक किसी मजदूर की मौत की पुष्टि नहीं हुई है.

हादसे के वक्त मजदूर कर रहे थे काम
जानकारी के अनुसार, हादसे के वक्त प्राइवेट ठेकेदार के मजदूर BRO के कांट्रेक्ट के तहत काम कर रहे थे. वे सेना की आवाजाही के लिए बर्फ हटाने का कार्य कर रहे थे, तभी अचानक ग्लेशियर टूट गया और कई मजदूर इसकी चपेट में आ गए.

प्रशासन की अपील और सतर्कता
चमोली के जिलाधिकारी ने बताया कि इस घटना की पूरी निगरानी रखी जा रही है. स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और सतर्क रहने की अपील की है. साथ ही, बचाव दलों को हरसंभव मदद दी जा रही है ताकि लापता मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जा सके.


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