झारखंड में रेलवे के विकास के लिए केंद्रीय सरकार ने अपने आम बजट में 7,302 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है. इस भारी राशि का उपयोग राज्य में रेलवे की संरचनाओं को उन्नत बनाने के लिए किया जाएगा. इस बजट का एक बड़ा हिस्सा राज्य के प्रमुख रेलवे स्टेशनों के री-डेवलपमेंट पर खर्च किया जाएगा. इसमें रांची, हटिया और टाटानगर रेलवे स्टेशनों के री-डेवलपमेंट के लिए 1,147 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए झारखंड के पत्रकारों से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने राज्य में रेलवे परियोजनाओं को कितनी अहमियत दी है, इसका उदाहरण आवंटित राशि से साफ दिखाई देता है. उन्होंने यह भी बताया कि 2009 से 2014 के बीच झारखंड के लिए रेलवे परियोजनाओं के लिए केवल 457 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जबकि वर्तमान सरकार ने इसे बढ़ाकर 16 गुना से भी ज्यादा राशि, यानी 7,302 करोड़ रुपए, स्वीकृत की है.
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि झारखंड में रेलवे के विस्तार के लिए 56,694 करोड़ की लागत से 34 नई परियोजनाएं चल रही हैं. इनमें नए रेल ट्रैक बिछाने और पुराने ट्रैकों का दोहरीकरण शामिल है. इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाओं में कांड्रा-नामकुम रेल लाइन का दोहरीकरण, इलू-सिल्ली लाइन और टाटा-बदामपहाड़ रेल मार्ग का निर्माण शामिल है. इन परियोजनाओं से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा और क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी.
झारखंड के 57 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा. इन स्टेशनों में प्रमुख नाम शामिल हैं जैसे रांची, टाटानगर, हटिया, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, देवघर, चाईबासा, डालटनगंज और साहिबगंज. इन स्टेशनों के उन्नयन से न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि यह रेलवे नेटवर्क को अधिक सुदृढ़ बनाने में भी मदद करेगा.