झारखंड में इस बार मानसून पूरी ताकत के साथ कहर ढा रहा है. रामगढ़ में भैरवी नदी उफान पर है और इसका जलस्तर इतना बढ़ गया कि यह नदी अब समुंदर जैसी नजर आ रही है. नदी की तेज धार में 100 से अधिक दुकानें बह गईं, जबकि दुकानदार लाचार होकर बस तमाशा देखते रह गए. जमशेदपुर का डिमना डैम भी खतरे के निशान को पार कर चुका है. वहां पुल और नदी में फर्क कर पाना मुश्किल हो गया है, ऐसे में वहां जाना अब जोखिम भरा हो गया है.
लगातार बारिश से बिगड़े हालात
दरअसल, पिछले 24 घंटों में सबसे अधिक वर्षा पश्चिमी सिंहभूम में दर्ज की गई, मिली जानकारी के अनुसार, वहांकरीब 120 मिमी बारिश दर्ज की गई है. इसके चलते झारखंड के दक्षिणी जिलों में भारी तबाही मची है. यह वजह है कि मौसम विभाग ने पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा में ऑरेंज अलर्ट और रांची, खूंटी, लोहरदगा व गुमला में येलो अलर्ट जारी किया है.
बताया जा रहा है कि मौसम खराब रहने के कारण लोगों को एक ही दिन में 10 बार येलो अलर्ट का मैसेज मिला. सबसे पहले सुबह 11 बजे रांची और खूंटी को लेकर चेतावनी जारी हुई. फिर दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक लगातार तेज हवा, वज्रपात और मूसलाधार बारिश की चेतावनी मिलती रही. अलर्ट का दायरा गढ़वा, गुमला और सरायकेला खरसावां तक बढ़ा दिया गया.
वज्रपात से दो दिनों में 7 मौतें
मौसम विज्ञान केंद्र रांची की ओर से कहा है कि लोग वज्रपात की चेतावनी को हल्के में न लें. दरअसल, झारखंड में पिछले दो दिनों में वज्रपात से 7 लोगों की जान जा चुकी है. ऐसे में मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क करते हुए आग्रह किया है कि मोबाइल पर आने वाली मौसम संबंधी चेतावनियों को नजरअंदाज न करें. लिहाजा, लोगों को सतर्क रहने और मौसम विभाग की चेतावनियों का सख्ती से पालन करने की जरूरत है. वहीं सरकार और प्रशासन को भी राहत और बचाव के उपायों को और तेज करने की आवश्यकता है, ताकि अधिक नुकसान और जनहानि से बचा जा सके.