पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. टेंडर घोटाले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए आलम की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को फैसला सुनाया. इससे पहले 26 जून को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 15 मई 2024 को गिरफ्तार किया था. तब से अब तक वे करीब 14 महीने से जेल में बंद हैं. पहले रांची की पीएमएलए विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया था. लेकिन यहां भी उन्हें राहत नहीं मिली.
कमीशनखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
यह मामला ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर आवंटन के बाद कमीशनखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. जांच के दौरान ईडी को मंत्री के पीएस के नौकर के घर से करोड़ों रुपये कैश बरामद हुए थे. एजेंसी ने इस केस में तमाम दस्तावेजी सबूतों और गवाहों के आधार पर आलम की गिरफ्तारी की थी.
ईडी की पकड़ मजबूत, आगे की राह मुश्किल
ईडी का दावा है कि टेंडर प्रक्रिया में भारी धांधली और कमीशन के रूप में मोटी रकम का लेन-देन हुआ, जिसमें आलमगीर आलम की भूमिका संदेह के घेरे में है. हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद आलम के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है, लेकिन कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ईडी की मजबूत तैयारी को देखते हुए उन्हें जल्द राहत मिलना मुश्किल है.
राजनीतिक हलकों में हलचल तेज
इस मामले को लेकर झारखंड की राजनीति में भी हलचल मची हुई है. विपक्ष लगातार सरकार और उससे जुड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर लोगों की नजरें सुप्रीम कोर्ट की संभावित सुनवाई पर टिकी हैं.