रांची के नगड़ी इलाके में प्रस्तावित रिम्स-2 मेडिकल कॉलेज की जमीन को लेकर रविवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया. हजारों ग्रामीण जमीन पर दावेदारी जताने के लिए पहुंचे, तो पुलिस और प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान हालात बिगड़ गए और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज भी करना पड़ा. अचानक माहौल तनावपूर्ण हो गया और इलाके में अफरा-तफरी मच गई.
आंदोलन की अगुवाई कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन को प्रशासन ने रविवार सुबह ही एहतियातन उनके आवास पर हाउस अरेस्ट कर लिया. वहीं, भाजपा के पूर्व प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन को तमाड़ थाना क्षेत्र में हिरासत में लिया गया. सरायकेला जिले से जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर और भाजपा नेता रामकुमार पाहन को भी पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने से पहले ही डिटेन कर लिया.
कड़ी नाकेबंदी और पुलिस की रोक के बावजूद कुछ ग्रामीण मौके तक पहुंचने में कामयाब रहे. झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के नेता देवेंद्र नाथ महतो अपने समर्थकों के साथ हल-बैल लेकर निर्माण स्थल पर पहुंच गए. किसानों का कहना है कि यह जमीन उनकी उपजाऊ खेती की है और सरकार बिना नोटिस दिए जबरन कब्जा करना चाहती है.
प्रशासन ने शनिवार शाम से ही पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी थी. नगड़ी जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई और मेडिकल कॉलेज की प्रस्तावित साइट के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी गई. इसका मकसद था कि ग्रामीण बड़ी संख्या में वहां इकट्ठा न हो सकें.
ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि उनकी उपजाऊ जमीन पर जबरन कब्जा करके अस्पताल बनाया जा रहा है. उनका आरोप है कि सरकार ने अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया भी पूरी नहीं की और सीधे जमीन पर काम शुरू करने का आदेश दे दिया. किसानों का कहना है कि इससे उनकी रोज़ी-रोटी खतरे में पड़ जाएगी.
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि यह आंदोलन अस्पताल बनाने के खिलाफ नहीं है, बल्कि किसानों और आदिवासियों की जमीन छीने जाने के विरोध में है. उन्होंने पहले ही ऐलान किया था कि 24 अगस्त को वे हजारों किसानों के साथ हल चलाकर साबित करेंगे कि उन्हें खेती से कोई ताकत नहीं रोक सकती. उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार के पास लैंड बैंक और बंजर जमीन है तो फिर उपजाऊ खेतों पर कब्जा क्यों किया जा रहा है.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि नगड़ी की जमीन रिम्स-2 के लिए उपयुक्त है और सरकार वहां आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं लाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने दावा किया कि इस जमीन का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है और इसमें कोई अवैधानिकता नहीं है.
