देश के अगले उप-राष्ट्रपति के चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. एनडीए की ओर से उप-राष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया गया है. राधाकृष्णन का संबंध दक्षिण भारत से है. तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक जीवन जनसंघ के साथ शुरू हुआ था. दक्षिण भारत में बीजेपी को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही है. वे तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. आरएसएस के साथ भी वह लंबे समय से जुड़े हुए हैं. वर्तमान समय में वह महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. इससे पहले उन्होंने 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया. अगर राधाकृष्णन चुनाव जीत जाते हैं तो देश के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति दोनों ही झारखंड के पूर्व राज्यपाल होंगे.
यह संयोग झारखंड के लिए गर्व का विषय है और सोशल मीडिया पर लोग झारखंड के राजभवन को लकी बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि देश के दोनों सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर बैठने वाली शख्सियत का संबंध उससे रहा है. राष्ट्रपति मुर्मू भी झारखंड की गवर्नर रह चुकी हैं. उन्होंने 18 मई 2015 से 13 जुलाई 2021 तक झारखंड के राज्यपाल के तौर पर काम किया है. उनका कार्यकाल 6 साल से भी ज्यादा का था, जो झारखंड के इतिहास में सबसे लंबा कार्यकाल है. इसके बाद देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनीं. अब उप-राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए प्रत्याशी भी झारखंड के राजभवन में रह चुका है. हालांकि, उप-राज्यपाल का चुनाव होना अभी बाकी है लेकिन बहुमत एनडीए के पक्ष में होने के कारण राधाकृष्णन की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है.
वहीं विपक्ष की ओर से कैंडिडेट की घोषणा अभीतक नहीं की गई है. उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए इंडी अलायंस की आज (सोमवार, 18 अगस्त) को दिल्ली में एक अहम बैठक होने वाली है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि इंडी अलायंस का उम्मीदवार बिहार या फिर आंध्र प्रदेश से हो सकता है. इससे एनडीए में दरार पड़ सकती है. ऐसी परिस्थितियों में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार असहज हो सकते हैं और उन्हें मजबूरी में विपक्षी उम्मीदवार का समर्थन करना पड़ सकता है.