बिहार विधानसभा चुनाव से पहले घुसपैठ का मुद्दा एक बार फिर राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि अगर घुसपैठियों को देश से बाहर निकालना है तो किसने रोका है? 11 साल तक प्रधानमंत्री रहकर भी इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? तेजस्वी ने यह भी कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को सिर्फ चुनावी फायदे के लिए उठाती है.
तेजस्वी यादव के बयान का असर अब झारखंड की राजनीति में भी दिखने लगा है. झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान भी घुसपैठ का मामला काफी चर्चा में रहा था और अब बिहार चुनाव से पहले यह मुद्दा फिर से गरमा गया है.
बीजेपी ने घुसपैठ पर विपक्षी दलों की बयानबाजी को बौखलाहट करार दिया. पार्टी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि जब-जब घुसपैठियों का मुद्दा उठता है तो इंडिया गठबंधन बेचैन हो जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही साफ कर चुके हैं कि घुसपैठियों को देश छोड़ना ही होगा. बीजेपी का आरोप है कि गठबंधन के कुछ नेता घुसपैठियों को बचाने का काम कर रहे हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि घुसपैठ के मुद्दे को चुनावी हथियार बनाया जाता है. झामुमो नेता डॉक तनुज खत्री ने कहा कि झारखंड चुनाव में भी बीजेपी को जनता से करारा जवाब मिला क्योंकि जनता ने सवाल पूछा कि जब बॉर्डर सुरक्षा केंद्र की जिम्मेदारी है, तो घुसपैठ हो कैसे रही है?
कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि घुसपैठ का मामला चुनाव के वक्त ही उठाया जाता है और चुनाव खत्म होते ही यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला जाता है. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि बार-बार झूठे मुद्दों के सहारे बीजेपी जनता को गुमराह करती है और असली मुद्दों से ध्यान भटकाती है.