उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ 'आई लव मोहम्मद' विवाद अब देश के कई हिस्सों तक पहुंच गया है. झारखंड में भी इसे लेकर प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. इस पर सियासी बयानबाजी भी जारी है. इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी ने बीजेपी और RSS पर जमकर निशाना साधा. मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि जो इस तरह का विवाद खड़ा करते हैं, वह हिंदुस्तानी नहीं हो सकते हैं. वह आरएसएस के लोग होंगे और बीजेपी के लोगों होंगे. मंत्री ने कहा कि 'आई लव राम', 'आई लव लक्ष्मण', 'आई लव हनुमान' और 'आई लव मोहम्मद' जैसे पोस्टरों में कौन सी बड़ी बात है.
बता दें कि इस विवाद की शुरुआत कानपुर के रावतपुर में एक जुलूस से हुई, जहां बारावफात के मौके पर आई लव मोहम्मद के बैनर लगाए गए थे. जिसे लेकर कुछ लोगों ने विरोध जताया तो इस पर तनातनी बढ़ गई. जिसके बाद पुलिस ने कुछ अराजक तत्वों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया, उनमें कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल थे. बैनर को लेकर FIR होने की खबर वायरल होते ही देश के कई हिस्सों के मुसलमान खफा हो गए और इस तरह के पोस्टरों के साथ रैलियां निकालने लगे. धीरे-धीरे यह बवाल उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान समेत कई राज्यों में फैल गया. मुस्लिम समुदाय के लोगों की मांग है कि FIR रद्द की जाए, वरना आंदोलन जारी रहेगा.
वहीं वाराणसी के साधु-संतो ने ‘आई लव मोहम्मद’ का जवाब ‘आई लव महादेव’ से दिया है. शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती के नेतृत्व में काशी के प्रमुख संतों ने हाथों में तख्तियां थामे सड़कों पर उतरकर नारे लगाए और पार्कों व घरों पर पोस्टर चस्पा किए. इस दौरान शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि यह चुनी हुई सरकार के खिलाफ साजिश है. ‘आई लव मोहम्मद’ के नाम पर शक्ति दिखाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम 70 प्रतिशत बहुसंख्यक समाज को सड़क पर उतार देंगे ताकि 30 प्रतिशत की मांगों का जवाब दिया जा सके.