झारखंड की सत्ताधारी पार्टी जेएमएम भी महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है. सूत्रों के मुताबिक, शनिवार (06 सितंबर) को हुई महागठबंधन की बैठक में जेएमएम को ग्रीन सिग्नल मिल गया है. अब चर्चा इस बात की है कि जेएमएम का बिहार में जनाधार कितना है? हेमंत सोरेन की पार्टी बिहार की किन-किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अभी तक के बिहार चुनावों में उसका प्रदर्शन कैसा रहा है? वैसे तो जेएमएम ने बिहार की 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है, लेकिन राजद और कांग्रेस उसे बिहार में कितनी सीटें देंगे? इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं. इस पर जारी अटकलबाजी के बीच जेएमएम के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने बड़ा बयान दिया है.
बिहार चुनाव में महागठबंधन के अंदर अपनी हिस्सेदारी को लेकर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हम लोग शुरू से कह रहे हैं कि हम उनके साथ गठबंधन में है और गठबंधन में ही चुनाव लड़ेंगे. जेएमएम नेता ने कह कि जो हमारी ताकत है, उस पर हमने क्लेम कर दिया है. अब कंसीडरेशन का मामला है. उन्होंने कहा कि वहां पर माले है, कांग्रेस है, राजद है और उनके साथ हमारा यहां गठबंधन है. सभी लोग मिलकर जो हमारा शेयर है, वह हमें देंगे. सुप्रियो भट्टाचार्य ने साफ कहा कि पार्टी ने गठबंधन धर्म का पालन करेगी. उन्होंने कहा कि जहां तक तस्वीर साफ होने की बात है जब तक अधिसूचना जारी नहीं होती है, तस्वीर साफ नहीं होगी. लेकिन उम्मीद है कि छठ पूजा तक अधिसूचना आ जाएगी. एक बार आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी तो सारी चीजें साफ हो जाएंगी.
वहीं जेएमएम के बिहार चुनाव लड़ने को लेकर बीजेपी प्रवक्ता शिवपूजन पाठक ने तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन का हिस्सा बनने के लिए JMM को बड़ी मसक्कत करनी पड़ी है, गलत चीजों का भी समर्थन करना पड़ा है. तब जाकर कहीं ग्रीन सिग्नल मिला है. शिवपूजन पाठक ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी इतने दबाव में है कि वहां सीट लेने के लिए वहां जाकर वोटर अधिकार यात्रा का समर्थन करना पड़ा. फिर प्रवास करना पड़ा. उनको यह दिखाना पड़ा कि हम आपके साथ हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि यही राजद के लोग हैं, जिन्होंने कहा था कि यहां इनका कोई वजूद ही नहीं है तो इनका चुनाव लड़ने की क्या जरूरत है? BJP प्रवक्ता ने कहा कि जब तक सीट का बंटवारा नहीं हो जाता है और उनके मन के अनकूल सीटें नहीं मिलती हैं तो फिर इस बयानबाजी का कोई मतलब नहीं रह जाता है.