झारखंड में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद अब पार्टी ने ओवर हीलिंग शुरू कर दी है. इस कड़ी में पार्टी ने राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. वह पूर्व सांसद रवींद्र कुमार राय की जगह लेंगे, जिन्हें राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले पिछले साल अक्टूबर में यह प्रभार सौंपा गया था. अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से नाता रखने वाले आदित्य साहू की नियुक्ति ऐसे समय की है, जब कांग्रेस की ओर से ओबीसी समाज को साधने के प्रयास किए जा रहे हैं. साहू को बनाए गए कार्यकारी अध्यक्ष पर एक तरफ भारतीय जनता पार्टी में उत्साह है, तो वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष हमलावर है.
कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि बीजेपी की ना तो नीति है और ना ही नीयत सही है. उन्होंने कहा कि जब बाबूलाल को सदन पहुंचाना था तो रबिंद्र राय को साधा था, अब मक्खी की तरह निकाल बाहर किया और आदित्य साहू को कार्यकारी अध्यक्ष बनवाया. राज्य में तो लोग बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का मनोयन चाहते थे. इस राज्य में वोट बैंक की राजनीति नहीं चलेगी. वहीं जेएमएम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी का चरित्र है- यूज एंड थ्रो. इनके पास योग्य व्यक्तियों की कमी है. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि कोई समीकरण नहीं है. झारखंड में सिर्फ एक समीकरण है, आदिवासी, मूलवासी समीकरण.
उधर नए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर आदित्य साहू ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि जिस उम्मीद और विश्वास के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुझे नई जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर मैं खरा उतरूंगा. पार्टी ने मुझ जैसे एक छोटे से कार्यकर्ता को आगे चलकर जिला उपाध्यक्ष बनाया. उसके बाद पार्टी ने संगठन में अलग-अलग जिम्मेदारी देते हुए चार बार प्रदेश कार्यसमिति का लगातार सदस्य बनाए रखा. साथ ही मैंने झारखंड प्रदेश बीजेपी के दो-दो बार संगठन महामंत्री के रूप में भी काम किया. इन सब जिम्मेदारियां को मैं निभाता रहा हूं और अब मुझे कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी मुझे दी गई है, मैं इस जिम्मेदारी का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करूंगा.