पलामू में झामुमो प्रखंड अध्यक्ष मुन्ना सिन्हा की धारदार हथियार से हत्या, आरोपी फरार

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झारखंड के पलामू जिले के पांकी प्रखंड अंतर्गत डंडार गांव में मंगलवार सुबह एक दर्दनाक वारदात हुई. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रखंड अध्यक्ष मुन्ना सिन्हा की जमीन विवाद के दौरान बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस घटना से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक, मंगलवार सुबह मुन्ना सिन्हा अपने घर के पास खेत में ट्रैक्टर से जुताई करा रहे थे. उसी दौरान गांव के ही अरुण ठाकुर और डोमन ठाकुर अपने परिवार के साथ वहां पहुंचे. पहले तो दोनों पक्षों में जमीन को लेकर कहासुनी हुई, लेकिन देखते ही देखते विवाद हिंसक झगड़े में बदल गया. आरोपियों ने मुन्ना सिन्हा पर टांगी और धारदार हथियारों से हमला कर दिया.

हमले में गंभीर रूप से घायल मुन्ना सिन्हा को तुरंत मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, डालटनगंज ले जाया गया. लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों के अनुसार, उनके सिर और गर्दन पर गहरे जख्म थे, जिससे ज्यादा खून बह जाने के कारण उनकी मौत हो गई.

पांकी थाना प्रभारी राजेश रंजन ने बताया कि शुरुआती जांच में यह मामला जमीन विवाद से जुड़ा पाया गया है. घटना के बाद आरोपी अरुण ठाकुर, डोमन ठाकुर और उनके परिवार के सभी सदस्य फरार हो गए हैं. पुलिस ने कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है और दावा किया है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

घटना की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में झामुमो के कार्यकर्ता और नेता अस्पताल पहुंचे. झामुमो जिला अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिन्हा उर्फ गुड्डू सिन्हा ने इस हत्या की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि राजनीतिक साजिश भी हो सकती है. पार्टी ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है.

ग्रामीणों के अनुसार, मुन्ना सिन्हा और आरोपियों के बीच पिछले कई वर्षों से जमीन का विवाद चल रहा था. इस विवाद को लेकर दोनों पक्षों में कई बार तनाव भी हुआ था, लेकिन मंगलवार को स्थिति हिंसक हो गई. गांव के लोगों का कहना है कि मुन्ना सिन्हा हमेशा सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते थे और सबके बीच सौहार्द बनाए रखने की कोशिश करते थे.

मृतक मुन्ना सिन्हा अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे और पिछले आठ सालों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के पांकी प्रखंड अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे. वे पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता माने जाते थे और संगठन के विस्तार में उनकी भूमिका अहम रही थी. उनकी मौत से पार्टी में गहरा शोक है.

पोस्टमार्टम के बाद मुन्ना सिन्हा का शव उनके गांव लाया गया, जहां बड़ी संख्या में झामुमो कार्यकर्ता और ग्रामीण मौजूद रहे. लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज भेज दिया था.

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