झारखंड स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को लेकर भाजपा प्रदेश कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि 15 नवंबर केवल झारखंड के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन है. इस दिन भगवान बिरसा मुंडा की जयंती होती है और इस वर्ष उनकी 150वीं जयंती मनाई जा रही है. मरांडी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा केवल आदिवासी समाज के नायक नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. उन्होंने अंग्रेजों के शासन से मुक्ति के लिए जो संघर्ष किया, वह इतिहास का गौरव अध्याय है. दुर्भाग्य से लंबे समय तक इन महापुरुषों को गुमनाम रखा गया, लेकिन भाजपा ने उनके योगदान को राष्ट्रीय पटल पर सम्मान दिलाया.
उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य का निर्माण भी 15 नवंबर को इसलिए किया गया ताकि इसकी स्थापना भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती के साथ जोड़ी जा सके. यह निर्णय अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में लिया गया था, जिन्होंने झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे नए राज्यों का निर्माण किया. मरांडी ने कहा कि अटल जी ने जनजातीय समाज के विकास के लिए जनजाति मंत्रालय की स्थापना की और संथाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया. आज संथाल समाज से ही देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं. उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी जनजातीय समाज से हैं.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 से 15 नवंबर को'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की. पहले जहां 2014 से पहले सिर्फ 123 एकलव्य विद्यालय थे, वहीं अब उनकी संख्या बढ़कर 715 हो गई है, जिनमें से 426 चालू हैं. इन विद्यालयों में अब तक 13 लाख से अधिक ट्राइबल बच्चे पढ़ रहे हैं. पीएम आदर्श ग्राम योजना के तहत आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए बजट को 4,000 करोड़ से बढ़ाकर 1,24,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है. रघुवर दास के शासन में झारखंड में प्रिमिटिव ट्राइब बटालियन बनाई गई थी, जिससे सैकड़ों परिवारों को रोजगार मिला.
मरांडी ने कहा कि मोदी सरकार ने कई आदिवासी नायकों के नाम पर अंडमान निकोबार द्वीपों का नामकरण किया है और कई ट्राइबल हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया है. उन्होंने बताया कि 15 नवंबर को पूरे भारत में 'जनजातीय गौरव दिवस' मनाया जाएगा. झारखंड में खूंटी और रांची में बड़े कार्यक्रम होंगे. रांची में शोभायात्रा और पुष्पांजलि कार्यक्रम, जबकि खूंटी में मुख्य जनसभा का आयोजन किया जाएगा.
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