झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने जी मीडिया से बातचीत में बीजेपी और बिहार चुनाव परिणाम को लेकर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी बिहार की जीत से उत्साहित जरूर है, लेकिन झारखंड में उसकी कोई जमीन नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि यही बीजेपी है जिसने झारखंड के मुख्यमंत्री को सीएम आवास से उठाकर जेल में डालने का काम किया था, और अब वही पार्टी राज्य में राजनीतिक उत्साह दिखा रही है. इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड में महागठबंधन की एकता मजबूत है, लेकिन बीजेपी लगातार इसमें दरार डालने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि हम जनता के सेवक हैं. हमारी एकता ऐसे नहीं टूटेगी. बीजेपी जितनी चाहे कोशिश कर ले, झारखंड में कुछ हासिल नहीं कर पाएगी.
बिहार चुनाव को लेकर उन्होंने कांग्रेस और राजद के कमजोर तालमेल का भी जिक्र किया. अंसारी ने कहा कि बिहार में कांग्रेस पिछले 20 सालों से मजबूत स्थिति में नहीं थी, ऐसे में वहां संगठन खड़ा करना मुश्किल था. उन्होंने बताया कि जिन सीटों पर कांग्रेस को उम्मीद थी, वहां राजद ने पहले ही दावा कर लिया था. कांग्रेस के सीटों पर भी राजद ने फ्रेंडली लड़ाई कर दी. टिकट बंटवारे में तालमेल नहीं बन पाया, जिसकी वजह से महागठबंधन मजबूत प्रदर्शन नहीं कर सका.
झारखंड की राजनीति पर बोलते हुए उन्होंने साफ कहा कि यहां पर बीजेपी की स्थिति बिहार से बिल्कुल अलग है. राज्य में 27% आदिवासी और 19% मुस्लिम आबादी है, जो भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है. उन्होंने दावा किया कि झारखंड में बीजेपी की दाल नहीं गलेगी. हेमंत सोरेन सिर्फ 5 या 6 साल के लिए नहीं, बल्कि 2050 तक मुख्यमंत्री रहेंगे.
SIR (Special Intensive Revision) को लेकर भी उन्होंने सख्त रुख अपनाया. अंसारी ने कहा कि अगर झारखंड में SIR लागू किया गया तो महागठबंधन इसके खिलाफ खड़ा होगा और वह खुद चुनाव लड़ने से पीछे हट जाएंगे. उन्होंने कहा कि SIR की जरूरत नहीं है. अगर इसे लागू किया गया तो हम लोग चुनाव नहीं लड़ेंगे. इरफान अंसारी के इन बयानों से साफ है कि झारखंड में महागठबंधन बीजेपी की किसी भी रणनीति को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार है.
