झारखंड में पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड में स्थित बाबूपुर गांव में एक घर से कोबरा सांप निकलने से पूरे इलाके में दहशत फैल गई. युवक का नाम गुड्डू अंसारी हैं. इस सांप को स्पेक्ट्रल कोबरा (भारतीय नाग) नाम से जाना जाता हैं. गुड्डू ने बताया को उसको पहले सांप के फुफकारने की आवाज सुनाई पड़ी, जिसके बाद उसने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग के सर्पमित्र अशरफुल शेख को दी. सांप निकलने की सूचना मिलते ही मौके पर सर्पमित्र अशरफुल शेख और पुष्पल भट्टाचार्य पहुंचे और सांप का सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया.
सर्पमित्र ने बताया कि घर से निकला भारतीय कोबरा करीब 17-18 साल का है. यह कोबरा काफी जहरीला और 6 फुट लम्बा था. इसके अलावा यह काफी फुर्तीला और इसका जहर अत्यंत खतरनाक होता है. अगर समय पर इलाज न मिल पाए तो इस कोबरा के काटने से मौत भी हो सकती है. उन्होंने लोगों से अपील की कि सांप दिखने पर छेड़छाड़ न करें और वन विभाग से संपर्क करें.
इसके साथ ही उन्होंने सांप का महत्व बताते हुए कहा कि सांप प्रकृति के संरक्षक होते हैं और इकोसिस्टम में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. यह भारत के सबसे आम और विषैले सांपों में से एक है. इनका मुख्य बसेरा खेतों, झरनों के पास, चट्टानों, पेड़ों और अनाज भंडारों में होता हैं. इनकी एक खासियत यब भी हैं कि यह अच्छे तैराक होने के साथ-साथ हमेशा सक्रिय रहते है. वनकर्मी असराफूल शेख ने ग्रामीणों से सांप दिखने पर मारने या छेड़छाड़ करने की बजाय तुरंत उन्हें सूचना देने की बात कहीं है.
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