झारखंड में हाथियों के उपद्रव मचाने के मामले में तेजी, एक हफ्ते में पांच लोगों को कुचलकर ली जान

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झारखंड में मानव-हाथी संघर्ष लगातार तेज होता जा रहा है. पिछले एक सप्ताह में राज्य में हाथियों के हमले में पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो हाथी भी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए हैं. ताजा घटना में बोकारो जिले के जगेश्वर ओपी क्षेत्र स्थित खरकंडा गांव में रविवार देर रात लगभग 11 बजे 15 हाथियों का झुंड घुस आया और घंटों तक उत्पात मचाता रहा. झुंड ने 45 वर्षीय महिला सांझो देवी को कुचलकर मार डाला. इससे पहले हाथियों ने 25–30 घरों में तोड़फोड़ मचाई. एक घर के बाहर खड़ी कार व टेंपो को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा घरों में रखा अनाज खा गए.

ग्रामीणों ने बताया कि हमले के दौरान लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों की छतों पर चढ़ गए. सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक झुंड गांव में हजारों-लाखों का नुकसान कर चुका था. ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल मुआवजा और सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है. इसी क्षेत्र में एक सप्ताह पहले भी हाथियों के झुंड ने दो युवकों- प्रकाश महतो और चरकू महतो को कुचलकर मार डाला था. यह दुर्घटना तिलैया अंडरग्राउंड रेलवे क्रॉसिंग के पास हुई थी. अंधेरा और जंगल होने के कारण दोनों को संभलने का मौका नहीं मिला.

रामगढ़ से सटे चतरा जिले में भी पिछले मंगलवार को महुआ पतरा गांव के 43 वर्षीय नकुल उरांव की मौत हाथियों के हमले में हो गई. रांची जिले के चान्हो थाना क्षेत्र के लुरूंगी गांव में शनिवार रात जंगली हाथी को भगाने के दौरान 40 वर्षीय किसान छोटन मुंडा को हाथी ने पकड़कर पटक-पटककर मार डाला. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार सुबह एनएच-75 को जाम कर दिया और मृतक परिवार को सरकारी नौकरी व मुआवजा की मांग की. बाद में वन विभाग द्वारा 25 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता देने और कार्रवाई के आश्वासन पर जाम हटाया गया. इन घटनाओं के बीच पश्चिमी सिंहभूम जिले के जुगीनंदा टोला (जगन्नाथपुर) में बीते शुक्रवार को दो मादा हाथियों (एक गर्भवती) के शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया. शवों से दुर्गंध आने पर ग्रामीणों ने सूचना दी.

रेंजर जितेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि मौत का कारण स्पष्ट नहीं है और दो–तीन दिन पहले मौत होने की आशंका है. खेतों और जंगल में मिले निशान बताते हैं कि हाल के दिनों में हाथियों का झुंड इलाके में भटक रहा था. मृत हथिनियों का पोस्टमार्टम कर लिवर, किडनी और अन्य अंगों का बिसरा फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

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