पहलगाम हमले के बाद निशिकांत दुबे ने की अनुच्छेद 26 से 29 समाप्त करने की मांग, जानें क्या है इसमें प्रावधान?

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को हुए आतंकवादी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा देखने को मिल रहा है. इस हमले के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे भी काफी गुस्से में हैं और उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 26 से 29 को समाप्त करने की मांग की है. बीजेपी सांसद ने 'वोट बैंक की राजनीति' की आलोचना करते हुए धर्मनिरपेक्ष नेताओं पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि पहलगाम हमला धार्मिक उद्देश्यों से प्रेरित था या नहीं. बीजेपी सांसद ने संविधान के अनुच्छेद 26 से 29 को समाप्त करने की वकालत की.

निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके लिखा कि जब देश का बंटवारा हिंदू-मुसलमान के नाम पर हुआ, तब जो लोग अल्पसंख्यकों के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर हिंदुओं को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बना रहे थे. उन्हें आज पहलगाम की घटना पर बताना चाहिए कि क्या यह हत्या धर्म के आधार पर नहीं हुई? शर्म आनी चाहिए इन सेक्युलर नेताओं को. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमारा है, धैर्य रखिए. यह मोदी सरकार है, जिसके गृह मंत्री अमित शाह हैं. अब समय आ गया है कि संविधान के अनुच्छेद 26 से 29 को समाप्त किया जाए.

जानें अनुच्छेद 26 से 29 तक क्या प्रावधान हैं?

  • अनुच्छेद 26: सभी धर्मों को अपने धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने की स्वतंत्रता देता है.
  • अनुच्छेद 27: किसी भी व्यक्ति को विशेष धर्म के प्रचार के लिए कर देने को बाध्य नहीं किया जा सकता है.
  • अनुच्छेद 28: राज्य द्वारा वित्तपोषित संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या पूजा की स्वतंत्रता को नियंत्रित करता है.
  • अनुच्छेद 29: अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को सुरक्षित रखने का अधिकार देता है.

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