रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक आचार्य (कक्षा 6 से 8) नियुक्ति प्रक्रिया में अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा कि दो वर्षीय बीएड (B.Ed) कोर्स करने वाले अभ्यर्थी भी नियुक्ति के लिए पूरी तरह पात्र माने जाएंगे. यह फैसला उन अभ्यर्थियों के पक्ष में आया है, जिन्हें झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने सिर्फ इसलिए अपात्र घोषित कर दिया था क्योंकि उन्होंने दो साल का बीएड किया था, जबकि विज्ञापन में केवल एक वर्षीय बीएड का जिक्र था.
अदालत में प्रार्थी की ओर से दलील दी गई कि दो वर्षीय बीएड कोर्स राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा मान्यता प्राप्त है और शिक्षण के लिए अधिक उपयुक्त है. हाईकोर्ट ने निर्णय में कहा कि योग्यता के मामले में दो वर्षीय बीएड को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अब सभी पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.
झारखंड उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता विप्लव दत्त की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. अब 14 जुलाई (सोमवार) को अदालत ने इस मामले में निर्णय सुना दिया। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने अदालत को बताया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया तय नियमों और पात्रता मानदंड के अनुसार संचालित हुई.
आयोग ने पहले ही विज्ञापन में स्पष्ट कर दिया था कि केवल एक वर्षीय बीएड करने वाले उम्मीदवार ही आवेदन के पात्र होंगे. इसी आधार पर याचिकाकर्ता को अपात्र घोषित किया गया, जो पूरी तरह नियमसंगत था.