सावन के पहले दिन शिवालयों पर दिखी भक्तों की भीड़, बम भोले से गूंजा बाबा बैद्यनाथ मंदिर

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 आज यानी मंगलवार (4 जुलाई) से श्रावण का पतित-पावन महीना शुरू हो रहा है. यह महीने शिवजी की आराधना के लिए होता है. देररात से ही शिवलयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली. श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन हो सकें इसके लिए अधिकतर मंदिरों के कपाट सुबह 5 बजे खोल दिए गए. सुल्तानगंज अजगैबीनाथ धाम की धरती भगवामय हो चुकी है. देश के अलग अलग हिस्सों से श्रद्धालुओं का जत्था सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा तट पहुंच रहे हैं और यहां से जल लेकर बैधनाथ धाम के लिए रवाना हो रहे हैं. श्रद्धालु 105 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हुए दो दिनों में देवघर पहुंचेंगे और वहां बैधनाथ बाबा पर जलाभिषेक करेंगे. कांवरियों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है.सुल्तानगंज नमामि गंगे घाट श्रद्धालुओं से खचाखच है. श्रद्धालु बोल बम का जयकारा लगाया रहे हैं. देवघर में आज से ही विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का शुरुआत हो गया है. बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सावन के पहले दिन कांवरियों की भारी भीड़ देखी गई. कावरिया सुबह से ही आस्था का जल लेकर कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. देवघर कामना लिंग है, ऐसे में सावन के पहले दिन से ही कावरियों की भारी भीड़ देखी गई. कहते हैं कि सावन माह में उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर जो कांवरिया पैदल यात्रा कर बाबा पर जल अर्पण करते हैं, उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है. पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं. मान्यता है कि सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. बता दें इस बार दो महीने का सावन है. मलमास के कारण सावन दो महीने का हुआ है. इस वर्ष दो महीने में लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा करेंगे. सुलतानगंज नमामि गंगे घाट, मेला क्षेत्र , कांवड़ियों पथ पर जिला प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था से कांवड़िया श्रद्धालु खुश हैं. 

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