हाई कोर्ट ने हेमंत सरकार से मांगा जवाब, कहा- बिना अनुमति के इंटरनेट सेवा बाधित नहीं कर सकते हैं

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 रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को लेकर राज्य सरकार ने फैसला लिया था कि परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवा बाधित रहेगी. क्योंकि, सरकार को इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं परीक्षा के दौरान पेपर लीक न हो जाए. हालांकि, सरकार के इंटरनेट सेवा बाधित करने के फैसले से आम लोगों को काफी परेशानी हुई. राज्य सरकार के इस फैसले पर झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस आनंदा सेन और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ में रविवार को सुनवाई हुई.

कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से इंटरनेट बहाल करने के निर्देश दिए हैं. झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान निर्देश दिया है कि इंटरनेट सेवा के संबंध में भविष्य में राज्य सरकार ध्यान रखे. अगर इंटरनेट सेवा बाधित करनी है तो बिना कोर्ट की अनुमति के फैसला नहीं लिया जाएगा. कोर्ट ने कहा है कि इंटरनेट सेवा परीक्षा के लिए बाधित करना कहीं से भी उचित नहीं है. राज्य सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए कहा गया है. बता दें कि राज्य सरकार को 6 सप्ताह में अपना जवाब देना होगा. इस मामले की सुनवाई 6 सप्ताह के बाद की जाएगी.

बीते दिनों पहले जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को देखते हुए 21 और 22 सितंबर को सुबह 8 बजे से लेकर 1:30 बजे तक पूरे झारखंड में इंटरनेट सेवा बंद रखने का आदेश गृह विभाग के द्वारा जारी किया था. वहीं, इस संबंध में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर पोस्ट किया था. उन्होंने लिखा जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के आज हुए आयोजन को लेकर वरीय पदाधिकारियों से बात हुई. परीक्षा को लेकर भी मैंने सख्त निर्देश दिए हैं. किसी भी कीमत पर झारखण्ड के युवाओं की मेहनत के साथ कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं है. मैं फिर दोहरा रहा हूं, सावधान कर रहा हूं कि कोई गलती से भी कोई गलत करने की कोशिश न करें. अगर इन परीक्षाओं में गलती से भी कोई गलत करने की कोशिश करेगा तो हम उनसे पूरी सख़्ती से निपटेंगे.

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