रांची के रातू रोड स्थित एक अल्पसंख्यक स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने स्कूल के एक शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं ने एक गुमनाम पत्र के माध्यम से राज्य के शिक्षा सचिव और अन्य अधिकारियों को शिकायत भेजी है, जिसमें शिक्षक अभिषेक कुमार सिन्हा पर यौन उत्पीड़न और अश्लील व्यवहार के आरोप लगाए गए हैं। सोशल मीडिया पर मामला सामने आने के बाद रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए एक्स पर जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं।
शिकायत पत्र में कहा गया है कि शिक्षक छात्राओं के साथ आपत्तिजनक बातें करते हैं, वीडियो कॉल कर अश्लील मांगें करते हैं और उन्हें होटल चलने के लिए मजबूर करते हैं। आरोप है कि 15 से अधिक छात्राएं इस व्यवहार का शिकार हो चुकी हैं। एक छात्रा को तो कथित रूप से होटल तक ले जाया गया, जिसके बाद वह स्कूल आना बंद कर चुकी है। छात्राओं का कहना है कि उन्होंने सोमवार को स्कूल प्रिंसिपल अनुज कुमार सिंह को इस पूरे मामले की जानकारी दी थी। लेकिन कार्रवाई करने की बजाय प्रिंसिपल ने आरोपी शिक्षक को केवल चेतावनी पत्र देकर मामला दबाने की कोशिश की। इसके बाद छात्राओं ने उच्च अधिकारियों को गुमनाम रूप से पत्र भेजने का निर्णय लिया।
जानकारी के अनुसार, प्रिंसिपल ने मंगलवार को स्कूल के अन्य शिक्षकों और स्टाफ से यह लिखवाने का प्रयास किया कि उन्हें इस मामले की जानकारी पहले से थी। कुछ कर्मचारियों ने जब ऐसा लिखने से इनकार किया, तो उन पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर करवाए गए। आरोपी शिक्षक अभिषेक कुमार सिन्हा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है। लेकिन छात्राओं ने दावा किया है कि उनके पास शिक्षक के आपत्तिजनक चैट और बातचीत के स्क्रीनशॉट मौजूद हैं, जिन्हें अधिकारियों को सौंपा गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी गई है, जो बुधवार तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश की है। अगर शिक्षक दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज ने जानकारी दी कि स्कूल प्रिंसिपल को सीआरपी के माध्यम से मोबाइल पर नोटिस भेजा गया है और बुधवार को इसकी हार्ड कॉपी भी उन्हें सौंप दी जाएगी।