पूर्णिया में हुए वंदे भारत हादसे ने अब नया मोड़ ले लिया है. मृतकों के परिजनों ने इसे महज रेल हादसा मानने से इनकार कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या है. उनका कहना है कि सभी शव एक ही स्थान पर मिले, जबकि यदि ट्रेन की चपेट में आते तो शव अलग-अलग और बुरी तरह क्षत-विक्षत होते. परिजनों ने दावा किया कि शरीर पर चोट और घाव तो हैं, लेकिन कटने के कोई स्पष्ट निशान नहीं हैं.
परिवारजन अपने आरोप लेकर पूर्णिया सांसद पप्पू यादव के पास पहुंचे. उन्होंने सांसद को बताया कि मृतकों को पहले से ही स्थानीय ठेकेदार द्वारा धमकियां मिल रही थीं और वही इस वारदात के पीछे हो सकता है. पप्पू यादव ने परिजनों की बात गंभीरता से लेते हुए तुरंत पूर्णिया रेंज के आईजी से फोन पर बात की और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि आरोप बेहद गंभीर हैं और पुलिस-प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.
शुक्रवार को पूर्णिया के कसबा गुमटी के पास रेलवे ट्रैक पर पांच नाबालिग बच्चे मिले थे. इनमें चार की मौत हो चुकी थी और एक बच्चा गंभीर रूप से घायल था. शुरुआती सूचना में बताया गया था कि सभी बच्चे दुर्गा पूजा का मेला देखकर लौट रहे थे और इसी दौरान वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई. पुलिस ने घटनास्थल से शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.
घटना की खबर मिलते ही सांसद पप्पू यादव पटना से सीधे पूर्णिया के जानकीनगर पहुंचे. उन्होंने मृतकों के परिवारजनों से मुलाकात की और सांत्वना देते हुए प्रत्येक परिवार को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की. मुलाकात के दौरान परिजनों ने हत्या की आशंका दोहराई और ठेकेदार पर आरोप लगाया.
मृत नाबालिग बच्चों की पहचान 15 वर्षीय सुन्दर कुमार (पिता – ब्रह्मदेव ऋषिदेव), 15 वर्षीय जिगर कुमार (पिता – राजेश ऋषिदेव), 14 वर्षीय सिंटू कुमार (पिता – स्वर्गीय अनमोल ऋषिदेव) और 14 वर्षीय रोहित कुमार (पिता – राधेश्याम ऋषिदेव) के रूप में हुई है. सभी बच्चे बनमनखी के चांदपुर भंगहा के रहने वाले थे. घायल बच्चे की पहचान 14 वर्षीय कुलदीप कुमार (पिता – हरिनंदन ऋषिदेव) के रूप में हुई है, जिसकी हालत नाजुक बताई जा रही है.