बिहार के जमुई जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं, जहां रविवार(16 नवंबर) झोलाछाप चिकित्सक की सलाह पर एक निजी क्लिनिक में लड़की को भर्ती कराने के बाद इलाज में लापारवाही होने के कारण लड़की की मौत हो गई थी. यह घटना चकाई थाना क्षेत्र के सहाना कॉलोनी स्थित एक निजी क्लिनिक की हैं. मृतका की पहचान सरस्वती देवी (उम्र 25 वर्ष) सरौन निवासी के रूप में हुई हैं. सरस्वती की मौत के बाद सोमवार को दिन से लेकर देर रात तक भारी तनाव की स्थिति बनी रही. परिजनों ने क्लिनिक में हुए इलाज और ऑपरेशन को गंभीर लापरवाही बताते हुए वहां के डॉक्टरों पर आरोप लगाए हैं.
परिजनों ने आरोप लगाया हैं कि सरस्वती की मौत क्लिनिक में ही हो चुकी थी. इसे छिपाने के लिए क्लिनिक के डॉक्टरों द्वारा उसे मृत अवस्था में ही रेफर किया गया. हंगामा बढ़ते ही क्लिनिक संचालक और डॉक्टर मौके से फरार हो गए. परिजन डॉक्टर को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे थे. मृतका का शव रात 2 बजे तक क्लिनिक के अंदर ही रखा रहा और परिजन लगातार न्याय की मांग करते हुए हंगामा करते रहे. स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में पहुंच गए, जिससे तनाव बढ़ता गया.
कई थानों की पुलिस तैनात
हंगामे की सूचना पर चकाई थानाध्यक्ष राकेश कुमार, एसआई प्रभाव राय के साथ चंद्रमंडीह, चिहरा और बिचकोड़वा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और देर रात तक स्थिति संभालती रही. स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि इसी निजी क्लिनिक में एक वर्ष पहले भी एक मरीज की मौत हो चुकी है. मौके पर एसडीपीओ के पहुंचने के बाद आधिकारिक बयान भी जारी किया गया हैं. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है और फरार डॉक्टर और क्लिनिक संचालक की तलाश जारी है. घटना से पूरे क्षेत्र में गुस्सा और दहशत का माहौल है.
