संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को चुनाव सुधार पर जोरदार चर्चा हुई. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में बोलते हुए आरएसएस पर देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं में दखल देने का आरोप लगाया. उनके बयान से सदन का माहौल और गरम हो गया. राहुल गांधी के मुताबिक, संस्थाओं पर नियंत्रण लोकतंत्र के लिए खतरा है और इस पर संसद को गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए.
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि उन्हें आरएसएस से जुड़े होने पर गर्व है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिना तथ्य के आरोप लगा रही है. निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर तंज करते हुए कहा कि उनका भाषण कमजोर था और वे खुद अपने ही तर्कों में उलझे हुए दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इतिहास में संविधान के साथ सबसे ज्यादा छेड़छाड़ की है.
निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन में संस्थाओं को कमजोर किया. उन्होंने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने प्रेस की स्वतंत्रता को सीमित किया, राष्ट्रपति पद को औपचारिकता बना दिया और नियुक्तियों में पक्षपात किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सीबीआई, चुनाव आयोग और यूपीएससी जैसी संस्थाओं में भी दखल दिया था.
ईवीएम पर कांग्रेस की आलोचना पर निशिकांत दुबे बोले कि देश में ईवीएम की शुरुआत भी कांग्रेस ने की थी. उन्होंने कहा कि वोटों की गिनती बूथ स्तर पर होनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध किया ताकि अनियमितताओं की संभावना बनी रहे.
निशिकांत दुबे ने चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में मुस्लिम आबादी के बढ़ते प्रतिशत पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि देश में औसतन मुस्लिम जनसंख्या चार फीसदी बढ़ी, लेकिन इस जिले में 14 फीसदी बढ़ोतरी हुई, इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए.
