बिहार में चालक सिपाही परीक्षा से ठीक पहले आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने बड़ी कार्रवाई की है. EOU ने बिहार की राजधानी पटना से कुख्यात परीक्षा माफिया संजय कुमार प्रभात को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. EOU पिछले 21 महीनों से संजय कुमार प्रभात की तलाश कर रही थी. बता दें कि संजय को संजीव मुखिया गैंग का सबसे एक्टिव मेंबर माना जाता है. उस पर 15 मार्च 2024 को BPSC TRE-3 पेपर लीक कराने का आरोप है. इस मामले में वह मुख्य आरोपी है.
संजय प्रभात पर आरोप है कि उसने प्रश्नपत्र लीक करने के बदले हर उम्मीदवार से लगभग एक लाख रुपये वसूले थे. यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब बिहार में कई महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षाएं होने वाली हैं. नीतीश सरकार के पिछले कार्यकाल में कई परीक्षाओं के पेपर लीक हुए थे. लिहाजा इस कार्यकाल में सरकार पर भी निष्पक्ष तरीके से परीक्षाएं कराने का दबाव है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संजय ने पूछताछ में पेपर लीक से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी हैं.
बता दें कि संजय प्रभात का कनेक्शन लालू यादव की पार्टी राजद से रहा है. राजद सरकार में संजय प्रभात सरकारी शिक्षक हुआ करता था. सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर उसने राजनीति में कदम रखा था और लालू यादव की पार्टी राजद ज्वाइन की थी. 2005 के विधानसभा चुनाव में वह राजद की टिकट पर नवादा जिले की गोविंदपुर विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था. इस चुनाव में उसे लगभग 15 हजार वोट मिले थे. राजनीति में सफल नहीं होने पर संजय, पेपर लीक गिरोह के सरगना संजीव मुखिया के संपर्क में आया और उसकी टीम का अहम सदस्य बन गया. अब संजय प्रभात की गिरफ्तारी से संजीव मुखिया पर भी शिकंजा कस सकता है. संजीव पर नीट यूजी परीक्षा का पेपर लीक कराने का आरोप है. वह फिलहाल अभी जमानत पर बाहर है.
