झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज पांचवां और आखिरी दिन था. इस दौरान सदन में काफी हलचल देखने को मिली. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में सवालों के साथ सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि दिल्ली के चांदनी चौक में कार ब्लास्ट का जिक्र कर कहा कि कितने सारे मुद्दे हैं लेकिन सभी को छोड़ दिया गया है. देश की सबसे अधिक सुरक्षा बल आदिवासी इलाकों और जंगलों में है, क्योंकि उन जंगलों को उन्हें उजाड़ना है और मित्रों को देना है. आज पूरे देश में अलग-अलग जगहों से घटनाएं आ रही है, चाहे वो राजस्थान हो, मध्य प्रदेश हो या छत्तीसगढ़. अलग-अलग जगहों पर आदिवासी, दलित, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को उजाड़ने के लिए निरंतर नीतियां बनाई जा रही है.
सीएम सोरेन ने कहा कि महंगाई इस कदर बढ़ रही है और कोई चर्चा नहीं हो रही है. आर्थिक रूप से देश की स्थिति ऐसी है कि क्या कहना. पहले हम लोगों ने सुना कि हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज में चढ़ायेंगे. वो तो हुआ नहीं लेकिन जो इंडिगो की घटना घटी है, इसमें लग रहा हैं कि उन्हें हवाई चप्पल जरूर पहना देंगे. शादी में दूल्हा-दुल्हन नहीं पहुंच पा रहे हैं, बीमार इलाज नहीं कर पा रहे हैं. इनके काल खंड में इन्हें ऐसी घटनाओं का कोई असर भी नहीं होता. 2014 से लेकर आज तक कभी मंदिर में कई घटनाएं हुई, कभी मस्जिद, कभी रेल दुर्घटना, कभी हवाई जहाज दुर्घटना. गरीबी खत्म करने के नाम पर देश के नागरिकों को ही खत्म करने की साजिश चल रही है.
शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि गुरु जी क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 15 लख रुपए की सहायता सिर्फ 4% के इंटरेस्ट के साथ हम छात्रों को उपलब्ध करा रहे हैं. प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर सरकारी स्कूल खड़े हो रहे हैं, इस राज्य के नौजवान, जनता, गांव से लेकर शहर तक शिक्षित हो ये हमारी कोशिश है. ताकि समाज में मजबूती से खड़े हो और अपनी आने वाली पीढ़ी को बेहतर कर सके. धीरे-धीरे राज्य में, शिक्षा में नया आयाम जुड़ रहा है. कुछ सरकारी यूनिवर्सिटी के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करते थे. आज बड़े-बड़े यूनिवर्सिटी स्थापित हो रहे हैं. कई यूनिवर्सिटी यहां आने की इच्छा में है. हमने जो रोड मैप बनाया है, अगले 25 वर्ष का, यहां के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में कोई दिक्कत नहीं होगी बड़े-बड़े कॉम्पिटिटिव एग्जाम के लिए यहां के बच्चों को मुफ्त कोचिंग करने की भी व्यवस्था कर रही है हमारे शिक्षक और बेहतर प्रदर्शन कर पाए उनकी ट्रेनिंग भी बड़े संस्थानों पर की जा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के दौरान जो कोविड वैक्सीनेशन लगा है, उसके बाद से बीमारी तेजी से फैली है. ऐसी मदद के लिए कई आवेदन आते हैं. यह अनुसंधान का विषय है. वैक्सीन लगा भी है तो सही था कि नहीं, कोई अपंग पैदा हो रहा है, कोई हार्ट अटैक से मर रहा है, किसी को कैंसर हो रहा है, अनेकों बीमारी है. जिस हड़बड़ी में देश की दिशा बदलने में लगे हैं, वह अच्छा नहीं है.
